जय श्री कृष्ण |
समस्त वैष्णवोंजनों को मंदिर मंडल नाथद्वारा की तरफ से सादर प्रणाम | आपको जानकर ख़ुशी होगी की नाथद्वारा में श्रीनाथजी की विभिन्न गौशालाओ में 2500 गौमाताजी बिराजति हे परमपूज्य महाराजश्री जब भी श्रीनाथद्वारा पधारते हे तो गौमाता की सेवा हेतु गौशाला में भी परधारते रहते है मंदिर में दूध सेवा एवं मखन की सेवा हमारी गौशाला से की जाती है | सबसे बड़ी गौशाला नाथूवास में स्थित है जो श्रीनाथजी के नाथद्वारा पधारने के समय से ही चल रही है | उक्त गौशाला राष्ट्रीय राज्य मार्ग संख्या 8 पर नाथद्वारा मावली रोड पर 500 मीटर की दुरी पर स्थित है| प्रातः एवं सायं गौ क्रीड़ाओं के अवलोकन से अलौकिक आनन्द की अनुभूति होती है एवं गौमाताओं की सेवा एवं उनके स्पर्श से विभिन्न्न रोगों का भी शमन होता है | यहाँ पर स्थित गौशाला की नस्ल मूल बृज नस्ल की है जो विश्र्व में अन्यत्र कही पर भी उपलब्ध नहीं है | इस किस्म के सांड विशाल काय लगते है | आपको जानकर सुखद आश्चर्य होगा की हमारे ग्वालो द्वारा प्रत्येक गौमाता एवं उसके बछड़े का नामकरण किया हूआ है | ग्वालजी के बुलाने पर जिस गौमाता का नाम लिया जाता है वह गौमाता सैकड़ो के झुंड में से निकल कर आ जाती है | गौशाला का नैसर्गिक आध्यात्मिक माहौल एक स्वर्गीय आनन्द की अनुभूति प्रदान करता है एवं भगवान श्री कृष्ण की लीलाओ की अलौकिक अनुभूति होती है | गौमाताओं के मनोरथ हेतु एक दिन की भेट राशि का विवरण आज वेबसाइट पर डाला गया है | समस्त वैष्णवों से निवेदन है श्रीनाथजी के दर्शन हेतु पधारे तो गौशाला का अवलोकन अवश्य करे | मंदिर मंडल द्वारा श्रीनाथजी नगरी दर्शन व्यवस्था हेतु एक मिनी बस भी चलाई जाती है जो आपको गौशाला भी ले जाती है अतः बस सेवा का भी लाभ उठाये एवं गौमाताजी के मनोरथ का पूण्य अर्जित करें | जय श्री कृष्ण
निवेदक
मुख्य निष्पादन अधिकारी
मंदिर मंडल नाथद्वारा
एवं गौशाला विभाग