Tithi |
Tippani Date |
Shringar |
Utsav |
Ekam, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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06-Jun-2020
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आषाढ़ कृष्ण पक्ष एकम।
नि.लि.गो.ति. श्री गोवर्द्धनलालजी महाराज को गादी उत्सव।
सभी द्वारा में हल्दी से डेली मंढे,बन्दरवाल बधे।सभी समय जमनाजल की झारीजी आवे।दो समय थाली की आरती उतरे।
वस्त्र:-गुलाबी परदनी मलमल की। श्रीमस्तक पे गोल पाग, वापे ऊपर छोर व नीचे लटकन राखनी वाली।पिछवाई चितराम की शिखर कंदरा के भाव की।
आभरण:-सब हीरा के।हल्के श्रृंगार।हीरा को हमेल धरावे।हीरा की बद्दी आवे, त्रवल नहीं आवे। अलख धरावे। वेणु वेत्र हीरा के।
गोटी हकीक की।
विशेष में दूध घर की हांडी, गोपी वल्लभ में अमरस की तवापुरी, अमरस भात अरोगे।
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इष्टिः। ज्येष्ठाभिषेक स्नानयात्रा।
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Duj, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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07-Jun-2020
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*आषाढ़ कृष्ण पक्ष द्वितीया*
🔅चंदन की गोली🔅
श्रृंगार,आभरण सब इच्छानुसार।
वस्त्र:-आडबन्द चंदनी मलमल को।श्रीमस्तक पे गोल पाग।पिछवाई वस्त्र जैसी मलमल की।
आभरण:-सब मोती के,उष्णकाल के।हल्के श्रृंगार।श्रीकर्ण में मोती के कर्णफूल जोड़ी एक।श्रीमस्तक पे तुर्रा।वेणु वेत्र झीने लहरिया के।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Tij, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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08-Jun-2020
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** आषाढ़ कृष्ण पक्ष तृतीया*
श्रृंगार,आभरण इच्छानुसार
वस्त्र:-धोती ,पटका स्वेत मलमल के।पटका कटि को।श्रीमस्तक पे गोल पाग।।पिछवाई वस्त्र जैसी,स्वेत।
आभरण:-सब मोती के,उष्णकाल के।हल्केश्रृंगार।श्रीकर्ण में मोती के कर्णफूल, एक जोड़ी।श्रीमस्तक पे गोल चन्द्रिका।वेणु वेत्र चांदी के।गोटी हकीक की छोटी।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Choth, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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09-Jun-2020
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* आषाढ़ कृष्ण पक्ष चतुर्थी * श्रृंगार,आभरण इच्छानुसार *
वस्त्र:-आडबन्द,छज्जेदार पाग,प्राचीन मोती के।पिछवाई नेट की स्वेत।
आभरण:-सब मोती के,उष्णकाल के।हल्के श्रृंगार।श्रीमस्तक पे मोती को दोहरा क़तरा।वेणु वेत्र मोती के।गोटी हकीक की।
सायं बरास ,गुलाब जल से स्नान होगा।शयन में शीतल सामग्री अरोगे।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Pancham, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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10-Jun-2020
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* आषाढ़ कृष्ण पक्ष पंचमी*
◆श्रीजी के उष्णकाल को चतुर्थ अभ्यंग◆
वस्त्र:-धोती,स्वेत मलमल की।श्रीमस्तक पे गोल पाग।पिछवाई चितराम की कमल के भाव की।
आभरण:-सब मोती के।हल्के श्रृंगार।श्रीकर्ण में कर्णफूल एक जोड़ी।श्रीमस्तक पे गोल चन्द्रिका।वेणु वेत्र चांदी के।गोटी उष्णकाल की।
शयनभोग में प्रियाजी से पतलों नेग आवे।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Chhath, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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11-Jun-2020
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*आषाढ़ कृष्ण पक्ष छट*
श्रृंगार,आभरण सब इच्छानुसार*
वस्त्र:- पिछोड़ा शरबती में लाल छाप को,मलमल को।श्रीमस्तक पे छज्जेदार पाग,वस्त्र जैसी।पिछवाई शरबती लाल छाप की।
आभरण:-सब उष्णकाल के,मोती के।छेडान के श्रृंगार।श्रीकर्ण में मोती के कर्णफूल दो जोड़ी। श्रीमस्तक पे जमाव को कतरा।वेणु वेत्र सुवा वाले ।गोटी उष्णकाल की।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Satam, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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12-Jun-2020
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*आषाढ़ कृष्ण पक्ष सप्तमी *
श्रृंगार,आभरण सब इच्छानुसार *
वस्त्र:-परदनी, हल्की आसमानी,गुलाबी छाप की, मलमल की।श्रीमस्तक पे गोल पाग।पिछवाई वस्त्र जैसी।
आभरण:-सब मोती के,उष्णकाल के।हल्के श्रृंगार।श्रीकर्ण में मोती के कर्णफूल जोड़ी एक।श्रीमस्तक पे तुर्रा।वेणु वेत्र सुवा के।
सायं कली के श्रृंगार होंगे।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Atham, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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13-Jun-2020
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* आषाढ कृष्ण पक्ष अष्टमी *
*श्रृंगार, आभरण सब इच्छानुसार*
वस्त्र:-अँगुरी पिछोड़ा मलमल को।श्रीमस्तक पे अँगुरी फेटा।पिछवाई वस्त्र जैसी।
आभरण:-सब उष्णकाल के।छेड़ान केश्रृंगार।श्रीकर्ण में लोलक बिंदी धरावे।श्रीमस्तक पे चंद्रिका व कतरा आवे।वेणु वेत्र गंगा जमनी।गोटी बाघ बकरी की।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Navam, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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14-Jun-2020
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*आषाढ़ कृष्ण पक्ष नवमी*
**श्रृंगार, आभरण सब इच्छानुसार**
वस्त्र:-पिछोड़ा सुवापंखी मलमल को,छाप वालो।श्रीमस्तक पे छज्जे दार पाग।पिछवाई सुआपखी मलमल की,छाप वाली।
आभरण:-सब उष्णकाल के,मोती के।छेडान के श्रृंगार। श्रीकर्ण में कर्णफूल, दो जोड़ी।श्रीमस्तक पे जमाव को कतरा।वेणु वेत्र गंगा जमनी ।गोटी हकीक की।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Dasham, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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15-Jun-2020
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*आषाढ कृष्ण पक्ष दसमी *
श्रृंगार,आभरण सब इच्छानुसार।
वस्त्र:-आडबन्द मोतिया,हरी छाप को, मलमल को।श्रीमस्तक पे चिनमा पगा।पिछवाई वस्त्र जैसी मलमल की।
आभरण:-सब मोती के,उष्णकाल के।हल्के श्रृंगार।श्रीकर्ण में मोती के कर्णफूल जोड़ी एक।श्रीमस्तक पे तुर्रा।वेणु वेत्र झीने लहरिया के।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Gyaras, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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16-Jun-2020
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*आषाढ़ कृष्ण पक्ष ग्यारस
*सेहरा को श्रृंगार *
वस्त्र:-पिछोड़ा केसरी लाल छापा को।पटका अंतरवास को,केसरी छाप को।श्रीमस्तक पे केसरी दुमाला छाप वालो।पिछवाई चितराम की,सेहरा के भाव की।
आभरण:-सब मोती के,उष्णकाल के।बनमाला को श्रृंगार।कली आदी माला धरावे।सेहरा मोती को।चोटीजी मोती की।वेणु वेत्र गंगा जमनी।पट, गोटी उष्णकाल के,राग रंग के आवे।
सांय कली के श्रृंगार होंगे।
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Gyaras, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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17-Jun-2020
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*आषाढ़ कृष्ण पक्ष ग्यारस
*सेहरा को श्रृंगार *
वस्त्र:-पिछोड़ा केसरी लाल छापा को।पटका अंतरवास को,केसरी छाप को।श्रीमस्तक पे केसरी दुमाला छाप वालो।पिछवाई चितराम की,सेहरा के भाव की।
आभरण:-सब मोती के,उष्णकाल के।बनमाला को श्रृंगार।कली आदी माला धरावे।सेहरा मोती को।चोटीजी मोती की।वेणु वेत्र गंगा जमनी।पट, गोटी उष्णकाल के,राग रंग के आवे।
सांय कली के श्रृंगार होंगे।
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योगिनी एकादशी व्रतम्।
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Baras, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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18-Jun-2020
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*आषाढ़ कृष्ण पक्ष बारस *
श्रृंगार,आभरण सब इच्छानुसार।
वस्त्र:-परदनी, शरबती,गुलाबी छाप की, मलमल की।श्रीमस्तक पे गोल पाग।पिछवाई वस्त्र जैसी।
आभरण:-सब मोती के,उष्णकाल के।हल्के श्रृंगार।श्रीकर्ण में मोती के कर्णफूल जोड़ी एक।श्रीमस्तक पे कतरा।वेणु वेत्र सुवा के।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Teras, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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19-Jun-2020
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*आषाढ़ कृष्ण पक्ष त्रयोदशी *
श्रृंगार,आभरण सब इच्छानुसार।
वस्त्र:-पिछोड़ा स्वेत मलमल को।श्रीमस्तक पे स्वेत कूल्हे।पिछवाई चितराम की।विमल कदम के भाव की।
आभरण:-सब मोती के,उष्णकाल के।श्रृंगार बनमाला को ।कली आदी सब माला धरावे।श्रीमस्तक पे स्वेत घेरा।वेणु वेत्र तीनो चाँदी के।गोटी हकीक की बड़ी।
उत्थापन के पीछे सब आभरण,वस्त्र बड़े करके कलीं के श्रृंगार को मनोरथ होगो व भोग में विशेष सामग्री अरोगे गे।
अन्य सब नित्य क्रम।
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Chaudash, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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20-Jun-2020
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*आषाढ़ कृष्ण पक्ष चोहदस-
श्रृंगार,आभरण सब इच्छानुसार*
वस्त्र:-धोती पटका चंदनी मलमल की।श्रीमस्तक पे गोल पाग।पिछवाई चंदनी मलमल की।
आभरण:-सब मोती के,उष्णकाल के।हल्के श्रृंगार।श्रीकर्ण में मोती के कर्णफूल एक जोड़ी।श्रीमस्तक पे कतरा, चंद्रिका।वेणु वेत्र झीने लहरिया के।गोटी उष्णकाल की।
अन्य सब नित्य क्रम।
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जुलाई।
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Amavas, 2077, Ashadh, Krushna Paksh
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21-Jun-2020
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*आषाढ़ की अमावस *
◆नि. ली. गो. ति. श्री बड़े गिरिधारीजी महाराज को उत्सव◆
सभी द्वार में हल्दी से डेली मंढे,बंदरवाल बंधे।सभी समय जमना जल की झरीजी आवे।दो समय थाली की आरती उतरे।
वस्त्र:-अधरंग (गहरा पतंगी) आड़बंद बिना किनारी को।श्रीमस्तक पे गोल पाग।पिछवाई वस्त्र जैसी,बिना किनारी की।
आभरण:-सब हीरा व उत्सव के।हल्के श्रृंगार।त्रवल की जगह कूल्हे की कंठी आवे।श्रीमस्तक पे लूम की किलंगी ,रूपहरी।वेणु वेत्र सुवा वाले।गोटी बड़ी हकीक की।
विशेष में सकड़ी में बुदी प्रकार अरोगे।दूध घर की बासोदि की हाड़ी आवे।गोपी वल्लभ में जलेबी,वारा में बूंदी के बड़े नग, फीका में चालनी अरोगे।
अन्य सब नित्य क्रम।
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तिलकायित बड़े श्री गिरिधारीजी महाराज को उत्सव (1825)।
खण्डग्रास सूर्यग्रहण नाथद्वारा में दृश्य। ताको निर्णय पृ.
28—29 पर अंकित है। इष्टिः।
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