Tithi |
Tippani Date |
Shringar |
Utsav |
Ekam, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
29-Mar-2021
|
ऐच्छिक
|
इष्टिः। धूलिवन्दन (धुरेण्डी)। द्वितीया पाट।
|
Duj, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
30-Mar-2021
|
चैत्र कृष्ण पक्ष द्वितीया*
(श्रृंगार,आभरण इच्छानुसार)
वस्त्र:-घेरदार बागा,चोली,सुथन सब हरे सलीदार जरी के।पटका मलमल को।पाग गोल ।ठाड़े वस्त्र गुलाबी ।पिछवाई हरी जरी की।
आभरण:-सब गुलाबी मीना के।हल्के श्रृंगार।दो दुलड़ा धरावे।श्रीकर्णमें कर्णफूल,एक जोड़ी।श्रीमस्तक पे गोल चन्द्रिका।वेणु वेत्र गुलाबी मीना के।पट हरो,गोटी चाँदी की।
आरती पीछे आभरण बड़े करने।लूम तुर्रा रूपहरी।
अन्य सब नित्य क्रम।
|
|
Tij, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
31-Mar-2021
|
चैत्र कृष्ण पक्ष तृतीया*
(श्रृंगार आभरण इच्छानुसार)
वस्त्र:-चागदार बागा,चोली,सुथन सब लाल जरी के।पटका मलमल को।पाग छज्जेदार।ठाड़े वस्त्र हरे ।पिछवाई लाल जरी की ।
आभरण:-सब हरे मीना के।छेड़ान को श्रृंगार।कमल माला धरावे।श्रीमस्तक पे जमाव को क़तरा।लूम,तुर्री रूपहरी।वेणु वेत्र हरे मीना के।पट लाल ,गोटी मीना की।
आरती पीछे आभरण बड़े करने।छोटे श्रृंगार धरावे। लूम तुर्रा रूपहरी।
अन्य सब नित्य क्रम।
|
|
Choth, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
01-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
अप्रेल
|
Pancham, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
02-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
|
Satam, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
03-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
गो.ति. 108 श्री इन्द्रदमनजी (श्री राकेशजी) महाराज के पौत्र गो.चि. श्री भूपेशकुमारजी (श्री विशाल बावा साहब) के पुत्र गो.चि. लाल गोविन्दजी (श्री अधिराज बावा) को जन्मदिन (2075)
|
Atham, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
04-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
|
Navam, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
05-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
|
Dasham, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
06-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
|
Gyaras, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
07-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
पापमोचिनी एकादशी व्रतम्।
|
Baras, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
08-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
|
Teras, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
09-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
|
Chaudash, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
10-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
|
Amavas, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
11-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
|
Amavas, 2077, Chaitr, Krushna Paksh
|
12-Apr-2021
|
ऐच्छिक
|
सोमवती अमावस योग प्रातः 8 बजके 2 मिनिट तक।
वर्षे हर्षः प्रकर्षः स्यात्। इष्टिः।
|