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Daily Tippani | Shrinathji Temple, Nathdwara

Tithi Tippani Date Shringar Utsav
Ekam, 2077, Kartik, Shukla Paksh 16-Nov-2020 *कार्तिक शुक्ल पक्ष एकम* यम द्वितीया (भाईदूज)।
Tij, 2077, Kartik, Shukla Paksh 17-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष तृतिया 17 -नवंबर-2020 * -वस्त्र,श्रृंगार सब इच्छानुसार। वस्त्र:-चोली,चागदार बागा, सुथन बैगनी जरी के।पटका मलमल को। श्रीमस्तक पे छाजजेदार पाग। पिछवाई वस्त्र जैसी।ठाड़े वस्त्र पीले। आभरण:-छेड़ान के श्रृंगार।गुलाबी मीना के आभरण। कमल माला धरावे।श्रीमस्तक पे जमाव को कतरा।श्रीकर्ण में कर्णफूल, दो जोड़ी।वेणु वैत्र लाल मीना के,एक सोना को।पट बैगनी,गोटी मीना की। आरती पीछे श्री कंठ के श्रृंगार बड़े करके ,हलके श्रृंगार धराने।लूम तुर्रा रूपहरी। अन्य सब नित्य क्रम।
Choth, 2077, Kartik, Shukla Paksh 18-Nov-2020 *कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्थी*
Pancham, 2077, Kartik, Shukla Paksh 19-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष पंचमी*
Chhath, 2077, Kartik, Shukla Paksh 20-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष छट* वस्त्र,श्रृंगार सब इच्छानुसार वस्त्र:-घेरदार बागा,चोली,सुथन सब हरे खिनखाब के।पटका मलमल को।पाग छज्जेदार।ठाड़े वस्त्र अमरसी।पिछवाई वस्त्र जैसी खिनखाब की। आभरण:-हल्के श्रृंगार। आभरण ग़ुलाबी मीना के।श्रीमस्तक पे कतरा।श्रीकर्ण में कर्णफूल, एक जोड़ी।वेणु वैत्र लाल मीना के।पट हरो,गोटी चाँदी की। आरती पीछे श्रीकंठ के श्रृंगार बड़े करने।लूम तुर्रा रूपहरी।
Satam, 2077, Kartik, Shukla Paksh 21-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष सप्तमी। श्री नवनीत प्रभु को व्रज में पधरायवे को विशेष उत्सव। गो.ति108 श्री इन्द्रदमन जी (श्री राकेश जी) महाराज कृत (2063)।
Atham, 2077, Kartik, Shukla Paksh 22-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी* *गोपाष्टमी* गोपाष्टमी।
Navam, 2077, Kartik, Shukla Paksh 23-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी * ।।अक्षय नवमी।। अक्षय नवमी। कृत युगादि कूष्माण्ड दानम्‌।
Dasham, 2077, Kartik, Shukla Paksh 24-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष दसमी 24-नवंबर-2020* -वस्त्र,श्रृंगार सब इच्छानुसार।- वस्त्र:-घेरदार बागा,चोली,सुथन सब शरबती जरी के।पटका मलमल को।पाग छज्जेदार।ठाड़े वस्त्र लाल।पिछवाई वस्त्र जैसी जरी की। आभरण:-हल्के श्रृंगार। आभरण माणक के।श्रीमस्तक पे गोल चन्द्रिका।श्रीकर्ण में कर्णफूल, एक जोड़ी।वेणु वैत्र स्याम मीना के।पट शरबती,गोटी मीना की। आरती पीछे श्रीकंठ के श्रृंगार बड़े करने।लूम तुर्रा रूपहरी।
Gyaras, 2077, Kartik, Shukla Paksh 25-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष ग्यारस। देव प्रबोधनी(देव दिपावली)
Baras, 2077, Kartik, Shukla Paksh 26-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष बारस।(प्रथम) 26-नवंबर-2020 * -देव प्रबोधनी(देव दिपावली)- डेली मढ़े,बंदरवाल बंधे।चारो समय थाली की आरती आवे। जमनाजल की झारीजी।गादी खंड आदी मखमल के आवे।अभ्यंग होवे।आज से रुई के आत्म सुख, मुकूट वस्त्र, बाघम्बर, झारीजी के ढकना नित्य में धरावे। वस्त्र:-चोली,चागदार बागा,सुथन सब सुनहरी जरी के ।पटका रूपहरी जरी को।कूल्हे व मोजाजी ,जडाऊ गोकुलनाथजी के।ठाड़े वस्त्र मेघ स्याम।पिछवाई स्याम मखमल की,विद्रुम के फूल व जाल की। आभरण:-उत्सव के ।बनमाला को श्रृंगार ।हीरा की प्रधानता।चोटिजी हीरा की।श्रीमस्तक पे पांच मोर चन्द्रिका को जोड़ धरावे।वेणु वेत्र तीनो हीरा के।हीरा को चौखटा आवे।पट उत्सव को,गोटी जडाऊ। आज मंगला नहीं खुले।श्रृंगार के समय मंडप के दर्शन होवे।बालकृष्ण लाल डॉल तिबारी में मंडप में पधारे,पंचामृत होवे।तिलक होवे।चार परिक्रमा करे।फिर निज मंदिर में पधार के थाल की आरती होवे।फिर उत्सव भोग आवे। तुलसी विवाह होवे।आरती पीछे श्रृंगार बड़े करने ।जडाऊ कूल्हे,मोजाजी बड़े करने।सुनहरी जरी की कूल्हे व मोजा धराने। भोग में केसर युक्त पेठा,मीठी बुदी,दुध घर को साज,सकर पारा,मीठी सेव,तले मेवे आदी सामग्री अरोगे।आज से बादाम का सीरा ,गुड़,रतालू की चटनी नित्य में सुरु। आज से छड़ी छोगा बंद। प्रबोधिनी एकादशी व्रतम्‌ देवोत्थापनं प्रातः शृंगार में। श्री गुसांई जी के प्रथम लालजी श्री गिरधरजी को उत्सव (1597) तथा पंचमलाल जी श्री रघुनाथजी को उत्सव (1611)।
Baras, 2077, Kartik, Shukla Paksh 27-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष बारस।(प्रथम) 26-नवंबर-2020 * -देव प्रबोधनी(देव दिपावली)- डेली मढ़े,बंदरवाल बंधे।चारो समय थाली की आरती आवे। जमनाजल की झारीजी।गादी खंड आदी मखमल के आवे।अभ्यंग होवे।आज से रुई के आत्म सुख, मुकूट वस्त्र, बाघम्बर, झारीजी के ढकना नित्य में धरावे। वस्त्र:-चोली,चागदार बागा,सुथन सब सुनहरी जरी के ।पटका रूपहरी जरी को।कूल्हे व मोजाजी ,जडाऊ गोकुलनाथजी के।ठाड़े वस्त्र मेघ स्याम।पिछवाई स्याम मखमल की,विद्रुम के फूल व जाल की। आभरण:-उत्सव के ।बनमाला को श्रृंगार ।हीरा की प्रधानता।चोटिजी हीरा की।श्रीमस्तक पे पांच मोर चन्द्रिका को जोड़ धरावे।वेणु वेत्र तीनो हीरा के।हीरा को चौखटा आवे।पट उत्सव को,गोटी जडाऊ। आज मंगला नहीं खुले।श्रृंगार के समय मंडप के दर्शन होवे।बालकृष्ण लाल डॉल तिबारी में मंडप में पधारे,पंचामृत होवे।तिलक होवे।चार परिक्रमा करे।फिर निज मंदिर में पधार के थाल की आरती होवे।फिर उत्सव भोग आवे। तुलसी विवाह होवे।आरती पीछे श्रृंगार बड़े करने ।जडाऊ कूल्हे,मोजाजी बड़े करने।सुनहरी जरी की कूल्हे व मोजा धराने। भोग में केसर युक्त पेठा,मीठी बुदी,दुध घर को साज,सकर पारा,मीठी सेव,तले मेवे आदी सामग्री अरोगे।आज से बादाम का सीरा ,गुड़,रतालू की चटनी नित्य में सुरु। आज से छड़ी छोगा बंद।
Teras, 2077, Kartik, Shukla Paksh 28-Nov-2020 कार्तिक शुक्ल पक्ष त्रयोदशी*
Chaudash, 2077, Kartik, Shukla Paksh 29-Nov-2020 *कार्तिक शुक्ल पक्ष चतुर्दशी* *नि. ली.श्री गोविन्द जी महाराज को उत्सव* डेली मढ़े,बंदरवाल बंधे।आज गादी तकिया पे सफेदी चढ़ जावे। वस्त्र:-चोली,चागदार बागा,सुथन ,पिले खिनखाब के।पटका केसरी।मोजाजी लाल खिनखाब के।माणक की जडाऊ कूल्हे।ठाड़े वस्त्र हरे।पिछवाई पिले खिनखाब की,लाल हाशिया की।गद्दल,रजाई पिले खिनखाब के। आभरण:-सब माणक के।बनमाला को श्रृंगार।कली, कस्तूरी आदी सब धरावे। श्रीकर्ण में माणक के कुंडल।आप श्री को माणक को दुलड़ा धरावे।श्रीमस्तक पे सुनहरी घेरा।वेणु वेत्र लाल मीना के,एक सोना को।पट लाल,गोटी स्याम मीना की।चोटीजी मीना की। गोपिवल्लभ में जलेबी।सकड़ी में बुदी प्रकार। वारा में मनोर के बड़े नग अरोगे।बासोदि की हाडी,चालनी(तले सूखे मेवे)आदि अरोगे। आरती पीछे श्रृंगार कूल्हे बड़े करके,केसरी गोल पाग व छेड़ान के श्रृंगार धराने।मोर चन्द्रिका एक की व लूम धरावे। तुर्रा नहीं आवे। ति. श्री गोविन्दजी महाराज को उत्सव (1876)।
Punam, 2077, Kartik, Shukla Paksh 30-Nov-2020 कार्तिक पूनम * (नि. ली.गो.ति. श्री गोविंदलालाजी कृत चार स्वरूपोत्सव) । डेली मढ़े,बंदरवाल बन्दे। वस्त्र:-चोली,चागदार बागा,सुथन रूपहरी जरी के।पटका स्वेत मलमल को। ठाड़े वस्त्र पतंगी(मेघस्याम भी ले हे।)पिछवाई मेघस्याम मखमल पे सिलमा सितारा की,सूरज चन्दा बने है। आभरण:- सब हीरा के।बनमाला को श्रृंगार। कली, कस्तूरी आदी धरावे।श्रीकर्ण में हीरा के कुंडल ।कमल माला धरावे।।श्रीमस्तक पे हीरा को खुप व पान धरावे।वेणु वेत्र चाँदी के।पट जरी को,गोटी मोर की। आरती पीछे श्रृंगार बड़े करके छेड़ान के श्रृंगार। गोल पाग धरानी।लूम तुर्रा रूपहरी। दूध घर की हाडी अरोगे। चार स्वरूप को उत्सव। नित्य लीलास्थ गोस्वामी तिलकायित श्री 108 श्री गोविन्दलाल जी महाराज कृत चातुर्मास्य तथा कार्तिक के नियम की समाप्तिः। गोपमासारम्भः।